Not known Details About maha kali siddha kavach
कवचं त्रिःसकृद्वापि यावज्ज्ञानं च वा पुनः ।हे रावण! मैंने इस दिव्य कवच को तुम्हारे समक्ष कहा है। जो भी इस कवच का पाठ भक्ति पूर्वक नित्
कवचं त्रिःसकृद्वापि यावज्ज्ञानं च वा पुनः ।हे रावण! मैंने इस दिव्य कवच को तुम्हारे समक्ष कहा है। जो भी इस कवच का पाठ भक्ति पूर्वक नित्
यस्य प्रसादादीशोऽपि त्रैलोक्य विजयी प्रभुः ।सर्वदेवस्तुता देवी शत्रुनाशं करोतु मे ।।रक्षन्तु स्वायुधेर्दिक्षुः दशकं मां यथा तथ